माहेश्वरीज क्लब क्या है?


माहेश्वरीज क्लब, व्यापार और उद्योग करनेवाले माहेश्वरी समाज के लोगों का विश्वव्यापी संगठन है, जो मानवीय सेवा, सभी व्यवसायों में उच्च नैतिक स्तर को बढ़ावा देने और दुनिया में शांति और सद्भावना के निर्माण में सहायता देने हेतु विश्वव्यापी रुप से एकजुट होकर कार्यरत है. माहेश्वरीज क्लब व्यवसायी उद्यमियों द्वारा संचालित संस्था है. इससे जुड़े सभी सदस्य तन-मन-धन से सेवा को समर्पित हैं.

माहेश्वरीज क्लब का आदर्श वाक्य है "सेवा के लिए समर्पित".

इंसान अगर तय कर ले तो वह समाज, देश,
विश्वबंधुत्व और मानवता के लिए, समाजसेवा के लिए बहुत कुछ कर सकता है. सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है. तुलसीदास ने कहा है ‘बड़ा जतन मानस तन पावा’ अगर मानव तन पाना इतना महत्वपूर्ण है, तो इसे सार्थक करना कितना महत्वपूर्ण होगा. माहेश्वरीज क्लब एक ऐसी ही संस्था है जो पूर्णरूपेण सेवा के लिए समर्पित है. माहेश्वरीज क्लब की गतिविधियाँ, विशेष रुप से स्थानीय क्लबों के स्तर पर किए गये कार्यों से, स्थानीय और विश्व समुदाय की सेवा करने का समान अवसर हर किसी को प्राप्त होता है.

माहेश्वरीज क्लब के सदस्यों को 'माहेश्वरियंस' कहा जाता हैं और वें पहनी हुई माहेश्वरीज क्लब के Logo वाली लेपल पिन के द्वारा आसानी से पहचाने जाते है. माहेश्वरियंस, स्थानीय माहेश्वरीज क्लब के सदस्य होते है और उनके क्लब द्वारा निर्धारित समय पर, 15 दिन में एक बार मिलते है. स्थानीय माहेश्वरीज क्लब "माहेश्वरीज इन्टरनेशनल" संस्था के आधार स्तंभ है. प्रशासनिक सुविधा के लिए, स्थानीय क्लबों को एक विभाग में शामिल किया जाता है

2016 में प्रेमसुखानन्द माहेश्वरी, जो योगी और सामाजिक कार्यकर्ता है और अन्य तिन लोगों ने मिलकर, बीड, इंडिया मे माहेश्वरीज क्लब की स्थापना की. माहेश्वरीज क्लब माहेश्वरी समाज का देश-दुनिया का सबसे पहला "सेवा संगठन" है जो एक सिस्टम के आधार पर बना है, जिसमें हरएक माहेश्वरी व्यक्ति आधिकारिक तौर से अपना योगदान दे सकता है.

माहेश्वरीज इंटरनेशनल में माहेश्वरियंस डोनेट करते हैं, इसमें जितनी भी रकम जमा होती है वह माहेश्वरियन और ननमाहेश्वरियन के द्वारा होती है. दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा जो माहेश्वरी अखाड़ा के नाम से प्रसिद्ध है, जो माहेश्वरी समाज की शीर्ष प्रबंधन संस्था है माहेश्वरीज क्लब्स इंटरनेशनल के एडमिनिस्ट्रेटिव कार्य को देखता है, मानवीय सेवा कार्य तथा क्लबों द्वारा लिए जानेवाले सभी प्रोजेक्ट आदि सभी कार्य इसकी निगरानी में होते हैं. 

माहेश्वरीज क्लब तीन तरह से अपना काम करता है, हृयूमेनेटिरियन, स्कालरशिप और व्होकेशनल ट्रेनिंग टीम. उसी तरह इसके तीन ग्रान्ट होते हैं, रीजनल ग्रान्ट, ग्लोबल ग्रान्ट और पैकेज ग्रान्ट. माहेश्वरीज क्लब आवश्यकता और जरूरत के हिसाब से यह क्षेत्र तय करता है कि इसे कहाँ और क्या काम करना है.
भगवान महेशजी की इच्छा और कृपा-आशीर्वाद से माहेश्वरीज क्लब्स इंटरनेशनल का कार्यक्षेत्र दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और साथ ही इसकी महत्ता भी सिद्ध हो रही है और हम माहेश्वरियंस की यही कामना है की यह संस्था यूँ ही दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करे.

2017-18 Maheshwaris International Theme


Maheshwaris Clubs International Guardian Shri Premsukhanand Maheshwari has announced his theme for the 2017-2018 year. 

Maheshwaris: Let's Come Together.

Colour code of Maheshwaris Club's symbol


माहेश्वरीज क्लब इंटरनेशनल के सिम्बॉल की png फाइल को Download करने के लिए कृपया इस Link पर click करें > Maheshwaris Clubs International symbol.png
 

Start a new Maheshwaris Club in your city


न्यू माहेश्वरीज क्लब एप्लीकेशन फॉर्म (New Maheshwaris Club Application Form) का प्रिंट निकालने के लिए अथवा इस फॉर्म को Download करने के लिए कृपया इस Link पर click कीजिये >
NEW MAHESHWARIS CLUB APPLICATION FORM.pdf

जब आप एक नए माहेश्वरीज क्लब को शुरू (चार्टर) करते हैं, तो आप दुनिया भर के माहेश्वरी समाजबंधुओं में जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता बढ़ाते हैं। एक 'नया क्लब सलाहकार' इस प्रक्रिया के दौरान नए क्लब को विकसित और समर्थन करने के लिए स्थानीय समाजबंधुओं के साथ काम करता है। जो अपने शहर में 'माहेश्वरीज क्लब' शुरू करने की पहल करता है, इसे अपने माहेश्वरी मित्रों एवं समाजबंधुओं के सामने रखता है और उन्हें इसके लिए प्रेरित करता है उसे क्लब सलाहकार कहा जाता है l वो क्लब सलाहकार आप भी हो सकते है l 

एक नया क्लब शुरू करने के लिए कारण-

-  आपके शहर में माहेश्वरीज क्लब नहीं है
-  आप समाजबंधुओं के साथ एक नए तरीके से बेहतर सम्बन्ध बनाना चाहते हैं
-  कुछ समाजबंधुओं को वैकल्पिक आवश्यकता होती है जिसमें वे खुद को सहज महसूस करें
  
एक नया माहेश्वरीज क्लब कैसे शुरू करें?
 

पहले आपको 'न्यू माहेश्वरीज क्लब एप्लिकेशन फॉर्म' प्राप्त करना होगा (इसी फॉर्म का पेज नंबर 5 'माहेश्वरीज क्लब मेम्बरशिप एप्लीकेशन फॉर्म' है, यह फॉर्म क्लब के हरएक सदस्य से भरकर लेना है)l 'न्यू माहेश्वरीज क्लब एप्लिकेशन फॉर्म' को पूरा भर के, विभागीय गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ 'माहेश्वरीज क्लब्स इंटरनेशनल' के कार्यालय (Head Office - Maheshwaris Clubs International, Shri Gajanan, Shri Mahesh Chowk (West), Beed - 431122 Maharashtra, India) में भेजिए l यदि आपको नहीं पता है कि आपके विभाग में क्लब गवर्नर कौन है तो अथवा नया 'माहेश्वरीज क्लब' शुरू करने के बारे में अधिक जानकारी के लिए WhatsApp नंबर 9405826464 पर संपर्क करें l नया क्लब शुरू करने से पहले, याद रखें: एक नया माहेश्वरीज क्लब शुरू करने के लिए (एक नया माहेश्वरीज क्लब शुरू करते समय) कम से कम 15 सदस्य (Member) होने चाहिए।

Organization and Administration Structure of Maheshwaris Clubs International


In order to carry out its service programs, Maheshwaris Clubs is structured in club, region and international levels. Star Maheshwari are members of their clubs. The clubs are chartered by the registered trust in India, Divyashakti Yogapeeth Akhada (abbreviated as Maheshwari Akhada) headquartered in Beed, India. For administrative purposes, all clubs are grouped into 16 zones.

Club -
The Maheshwaris Club is the basic unit of Maheshwari activity, and each club determines its own membership. Clubs originally were limited to a single club per city, municipality, or town, but Maheshwaris Clubs International has encouraged the formation of one or more additional clubs in the largest cities when practical. Most clubs usually meet fortnightly (a period of two weekly), usually at a mealtime on a fortnightly day in a regular location, when Club members can discuss club business and hear from guest speakers. Each club also conducts various service projects within its local community, and participates in special projects involving other clubs in the local district and region, and occasionally a special project in a "sister club" in the nation. Most clubs also hold social events at least quarterly and in some cases more often.

Each club elects its own president and officers among its active members for a one-year term. The clubs enjoy considerable autonomy within the framework of the standard constitution and the constitution and bylaws of Maheshwaris Clubs International. The governing body of the club is the Club Board, consisting of the club president (who serves as the Board chairman), a president-elect, club secretary, club treasurer, and several Club Board directors, including the immediate past president and the President Elect. The president usually appoints the directors to serve as chairs of the major club committees, including those responsible for club service, vocational service, community service and youth service.

Club members may attend any maheshwaris club around the world at one of their fortnightly (a period of two weekly) meetings.

Region level -
A regional governor, who is an officer of Maheshwaris Clubs International (MCI) and represents the MCI board of directors in the field, leads his/her respective Region Maheshwaris Club. Each governor is nominated by the clubs of his/her region, and elected by all the clubs meeting in the annual MCI Region Convention held each year. The regional governor appoints assistant governors from among the Club Members of the region to assist in the management of Maheshwaris Club activity and multi-club projects in the region.

Zone level -
Approximately 3 or 4 region form a zone. A zone director, who serves as a member of the MCI board of directors, heads two zones. The zone director is nominated by the clubs in the zone and elected by the convention for the terms of two consecutive years.

Maheshwaris Clubs International -
Maheshwaris Clubs International Headquarters in Beed, Maharashtra, India.

Maheshwaris Clubs International is governed by a board of directors composed of the international president, the president-elect, the general secretary, and 8 zone directors. The nomination and the election of each president is handled in the one- to three-year period before he takes office, and is based on requirements including geographical balance among Maheshwaris Club zones and previous service as a regional governor and board member. The international board meets quarterly to establish policies and make recommendations to the overall governing bodies, the MCI Convention and the MCI Council on Legislation.

Safa, Maheshwari Religious Tradition

 
राजस्थान की संस्कृति में साफे का अपना एक अलग ही महत्व है. साफा, इसे पगड़ी अथवा तुरबान भी कहा जाता है. एक समय ऐसा था जब राजस्थान में हर जिले और वहां की संस्कृति के अनुसार अलग अलग तरीके से साफा बांधा जाता था. साफा बांधने का ढंग जिले अथवा विभाग की पहचान कराते थे लेकिन मारवाड़ी साफा (जोधपुरी साफा) की बढ़ी लोकप्रियता ने सात समंदर पार तक अपनी पहचान बनाई. विदेशी लोगों में मारवाड़ी साफा पहनने की चाहत देखने लायक है. चाहे सुपरस्टार अमिताभ बच्चन हो, उनके साहबजादे अभिषेक बच्चन या देश के राजनीतिक या बड़े औद्योगिक घराने; जोधपुर का ‘पंचरंगी साफा’ तो इन सब को भाता ही है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस के बाद गणतंत्र दिवस पर मारवाड़ी साफा पहनकर मारवाड़ी साफे का गौरव बढ़ाया हैं.

राजस्थान के मारवाड़ प्रान्त के मूल निवासी माहेश्वरी समाज में साफा (पगड़ी) को मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है. आज के समय में भी बहूत से माहेश्वरी लोग साफा बांधते है और माहेश्वरी संस्कृति को बनाये रखे है. पुरे भारतवर्ष में माहेश्वरी समाज एकमात्र समाज हैं जिसमे साफा बांधने की प्रथा अन्य समाजों से ज्यादा है. माहेश्वरी संस्कृति के अनुसार, अलग अलग प्रसंगो में अलग अलग रंगों के साफा बांधने की परंपरा है. अच्छे और शुभ प्रसंंगो में 'पचरंगी' साफा बांधे जाते है. शोक अथवा दुखद प्रसंग में सफ़ेद साफा बांधे जाते है. माहेश्वरी समाज का साफा बांधने का अपना एक विशिष्ठ ढंग है. माहेश्वरियों में साफे में पीछे पीठ पर लटकन (साफा बांधने के बाद पीठ पर छोड़ा जानेवाला कपड़ा) नहीं छोड़ी जाती है (साफे में पीछे लटकन छोड़ने की परंपरा राजपूत समाज में प्रचलित है, इसे राजपूती साफा कहा जाता है) तथा साफे में ऊपर तुरा अथवा कमान नहीं निकाली जाती है. माहेश्वरी समाज में विवाह प्रसग में तो साफे का अनन्यसाधारण महत्व है. माहेश्वरी संस्कृति और परंपरा के अनुसार विवाह प्रसंग में बींदराजा, मुख्य सवासना तथा जिनका विवाह है उस लडके और लड़की के घरवालों (पिता, काका, भाई और दादा) के ही साफे में तुरा निकाला जाता है अन्य सभी मेहमान और रिश्तेदार परंपरागत बिना तुरेवाला साफा ही बांधते है.

वर्तमान समय में समाज के कई लोगों को साफा बांधना नहीं आता है. विवाह प्रसंग में पैसे देकर साफा बांधनेवाले को बुलाना पड़ रहा है, माहेश्वरी संस्कृति के लिए यह एक दुखद स्थिति है. समाज के लिए कार्य करनेवाले संस्थाओं-संगठनों को चाहिए की वे साफा बांधना सिखाने के शिविर आयोजित करें, साफा बांधने की प्रतियोगिताओं का आयोजन करे जिससे की माहेश्वरी संस्कृति के गौरव का प्रतिक 'साफा' माहेश्वरी संस्कृति का और माहेश्वरी समाज का अभिन्न अंग बना रहे.